19 Sept 2012

प्यार ??

कमरे में घुसते ही वो बोला , " पक गया हूँ भाई उससे , जो था वो कम से कम प्यार तो नहीं था | College में तो उससे बात करने के लिए तड़पा करता था | आज हमारी सिर्फ दूसरी मुलाकात थी और ऐसा लग रहा था जैसे हमारे बीच में बात करने के लिए कोई common topic ही नहीं है | "


तेरी ओर बढे फिर , कुछ देर रुक गए ,

छोटा सा ही था रस्ता , फिर भी थक गए ,

चाहा नहीं था शायद , उतनी शिद्दत से कभी तुमको ,

दो बार ही मिले हैं , उतने में पक गए ||


कुछ बोलना था तुमको , कुछ और बक गए ,

कुछ बीच में ही जैसे , कह कर अटक गए ,

खामोश ही थे दोनों , क्या बात करें आखिर ,

कुछ बात भी नहीं की , बिन बोले पक गए ||


साथ-साथ दोनों , कुछ दूर तक गए ,

उतने में ही कितने , पंगे अटक गए ,

जब आदतें ज़रा भी , मिलती नहीं हमारी ,

अच्छा ही हुआ तुमसे , जल्दी ही पक गए ||


किसी और को पकाओ ,

मेरे पास से तो जाओ ,

थोड़ा तरस तो खाओ ,

देखो हम पक गए ||

.
@!</\$}{
.

4 comments:

  1. :-) कोलेजिया भाषा में लिखी सहज अभिव्यक्ति...
    थोड़े एहसास और डालो बस.....

    अनु

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