|| आकाश के उस पार ||
~Shrouded Emotions~
6 Sept 2012
बस यूँ ही-८
वो जा रहे हैं ; अब , छींकना भी मुनासिब नहीं ,
मेरे बुजुर्गों का बनाया , ये भी एक दस्तूर है ,
इत्तेफाक से ही सही , कोई अनहोनी जो हो गयी ,
ता-उम्र सबसे बोलेंगे , ये मेरा ही कसूर है
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