|| आकाश के उस पार ||
~Shrouded Emotions~
6 Sept 2012
बस यूँ ही-७
कजरारी अंखियों का काजल गालों तक बह आया है ,
बिंदी मस्तक से खिसक गयी ; या फिर उसने खिसकाया है ,
क्या बोलू कुछ समझ न आये ; अधर शून्य से बैठे हैं
कई बरस के बाद मेरा जब यार नजर फिर आया है
||
.
@!</\$}{
.
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment