27 Aug 2012

आकाश के उस पार


“आकाश” के उस पार ,
Photo © Sahil Ahuja (http://pixels-memories.blogspot.in/)
कुछ छिपा हुआ सा है शायद ,
चलो घूमकर आते हैं ,

खिलती मुस्कानों के पीछे ,
कुछ दबा हुआ सा है शायद ,
चलो देखकर आते हैं ,

गहरा घुप्प अँधेरा है ,
पर एक किरण झिलमिल सी है ,
उसे उठाकर लाते हैं ,

नफरत तो काफी देख चुके ,
कुछ प्यार बचा है थैली में ,
आओ उसको फैलाते हैं ,

बादलों की ओट में ,
कोई रूठकर बैठा है शायद ,
जाकर उसे मनाते हैं ,

“आकाश” के उस पार ,
चलो घूमकर आते हैं ||
.
@!</\$}{
.

10 comments:

  1. गहरे जज्बात...बहुत खूब |

    आपको इस सफर के लिए ढेरों शुभकामनाएँ |
    सादर |

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  2. ... बेहद प्रभावशाली जज्बात

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  3. आपका ब्लॉग पसंद आया....इस उम्मीद में की आगे भी ऐसे ही रचनाये पड़ने को मिलेंगी......आपको फॉलो कर रहा हूँ |

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  4. ghoom aaao dekh aao..sab sundar hai sanchit mann sa..

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  5. अनुपम भाव संयोजन "आकाश जी" बहुत ही उम्दा प्रस्तुति शुभकामनायें ....

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  6. आप यहाँ बकाया दिशा-निर्देश दे रहे हैं। मैंने इस क्षेत्र के बारे में एक खोज की और पहचाना कि बहुत संभावना है कि बहुमत आपके वेब पेज से सहमत होगा।

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  7. मैं भी इस अन्वेषण पर निकलने को उत्सुक हूँ।

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